अब क्या होगा मेरा राम

अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में,
बीच बुढ़ापे में, बीच बुढ़ापे में,
अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में......-4

संगमरमर का महल बनाया,
कूलर पंखा उसमे लगाया,
बहु बेटे को उसमे बिठाया,
और मेरी घटिया बहार,
बीच बुढ़ापे में...
अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में।।

मन मर्ज़ी का खाना नहीं मिलता,
जैसे मिलता खाना पड़ता,
रोटी ऊपर अचार,
बीच बुढ़ापे में...
अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में।।

जैसी करनी वैसी भरनी,
राम जी करेंगे बेड़ा पार,
बीच बुढ़ापे में...
अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में।।
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