श्रीयमुना पद वंदन कीजै

श्रीयमुना पद वंदन कीजै,
श्रीयमुना पद वंदन कीजै,
कबहुँ बड़े भाग तट बसिए,
ताप हिये को छीजै, वंदन कीजै,
श्री यमुना पद वंदन कीजै॥

जहाँ हिल मिल जल केलि करत नित,
पिय प्यारी रस भीजै, वंदन कीजै,
श्री यमुना पद वंदन कीजै॥

केसर मृगमद चन्दन मिश्रित,
बड़े भाग्य जल पीजै, वंदन कीजै,
श्री यमुना पद वंदन कीजै॥

झूठन खाय तार की रहिये,
गाय गाय गुण जीजै, वंदन कीजै,
श्री यमुना पद वंदन कीजै॥

भोरी के हियै रस भरी जमुना,
प्रीति जुगल की दीजै, वंदन कीजै,
श्री यमुना पद वंदन कीजै......
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