मेरी अंबे मां से पूछना, जगदंबे मां से पूछना,
तेरा भवन है कितनी दूर,
छाले पड़ गए पांव में॥
मैया कोयल कू कू बोल रही,
और पपीहा मचाए रहे शोर,
छाले पड़ गए पांव में,
मेरी अंबे मां से पूछना.........
मैया रिमझिम बरसा हो रही,
और छाई घटा घनघोर,
छाले पड़ गए पांव में,
मेरी अंबे मां से पूछना........
मैया छतर नारियल भेंट चढ़ाऊं,
तेरी ज्योत जलाऊं सुबह शाम,
छाले पड़ गए पांव में,
मेरी अंबे मां से पूछना........
मैया हलवा छोले का भोग लगाऊ,
तेरा भंडारा कराऊं हर साल,
छाले पड़ गए पांव में,
मेरी अंबे मां से पूछना........
मैया दिल में लगन तेरे नाम की,
मोहे दर्श करा दे एक बार,
छाले पड़ गए पांव में,
मेरी अंबे मां से पूछना........