अंबे मैया सजी सिंह चाड़ के चली,
आज भक्तो के अंगना आई,
संग लाँगुर और भैरव को लाई,
सोलह श्रृंगार किया अंबे मा भवानी ने,
लाल चुनरिया ओडी महारानी ने,
नाक नथनिया कानों में बाली,
और होटो पे लाली लगाई,
संग लंगूर........
शीश मुकुट गले रत्नों की माला,
लाल लाल चोला सतरंगी गोटे वाला,
माथे की बिंदिया भी चम चम चमके,
और हाथों में मेहंदी रचाई,
संग लान्गुर और.....
आज मैया भक्तो के भाग जगाएगी,
बारी बारी मैया घर भक्तो के जाएगी,
" ईश्वर" ने मैया जी के चरणों में आकर.
और मैया की रहमत पाई,
संग लानगुर और............
जय माता की
लेखक गायक। ईश्वर वर्मा
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