बड़ा अद्भुत नजारा है दरबार में बाबा के,
बहती अमृत की धारा है,
पावन है वो धरती यहाँ साईं का डेरा है,
किस्मत का हो जाता वहा दूर अँधेरा है
उसे दिल से जो प्यार करे साईं उसका सहारा है,
बड़ा अद्भुत नजारा है दरबार में बाबा के,
है उसका नजारा तो कण कण में जलवा कर,
रहमत की नजर उसकी पड़ जाती है जिसपर,
दुःख उसके दूर करे उसे जिसने पुँकारा है,
बड़ा अद्भुत नजारा है दरबार में बाबा के,
हर रोज तेरे दर पे आये लाखो सवाली है,
भर भर के ले जाते वो झोलियाँ खाली है,
लाखो के मुकधर को बाबा तूने सवारा है,
बड़ा अद्भुत नजारा है दरबार में बाबा के,