ये पल बाबा के साथ बताये
ये दिन रात ये बाते,
ये पल बाबा के साथ बताये
कभी बुला ना पाओ गे तुम,
ये दिन रात ये बाते,
ये पल बाबा के साथ बताये
बाबा के प्यार में खो जाओ गे
विचारों में खो जाओ गे,
आना जाना इन विचारों का रोक कभी न पाओ गे,
लेकिन बाबा के प्यार को भी तुम
कभी भुला न पाओगे
ये पल बाबा के साथ बिताए
ये दिन रात ये बाते,
मेरे बाबा है ही ऐसे छोड़ कभी न पाओ गे ,
शिर्डी बुलाया पास बुलाया भूल कभी न पाओगे,
लेकिन बाबा के स्पर्श को भी तुम कभी बुला न पाओगे
ये पल बाबा के साथ बिताए
ये दिन रात ये बाते,
गुरवार को पालकी का निकलना
और द्वारका माई का धुलना
बाबा द्वारा मुझको देखना मन ही मन में कुछ केहना,
मैं तेरे साथ हु बाबा का चेहना
कभी बुला न पाओगे
ये पल बाबा के साथ बिताए
ये दिन रात ये बाते,