आजा आजा रे सांवरिया , तेरा लाड़ लड़ावगा,
मीठा मीठा भजन सुनाकर, तने रिझावागा,
आजा आजा रे.....
कई दिना से मन में लागी श्याम तेरो सृंगार करा,
भांति भांति का फूल मंगवा कर गुत्थवाया हा म्हे गजरा,
जच्चा जच्चा कर रंग बिरंगा ,हार पहरवागा
आजा आजा रे......
इतर से तने तर कर देस्या,इतनो इतर मँगवायो हे,
चंपा जूही गुलाब और केसर,सब तेरे मन चायो हे,
सगळा मिल कर तने इतर से,तने नुहावगा
आजा आजा रे......
छपन भोग बनाकर लयाया,रुच रुच भोग लगा जा रे
खीर चूरमो माखन मिश्री,मटक मटक गटका जा रे,
मगही पत्ता में लगवाकर ,पान खुवावागा,
आजा आजा रे......
धीरे धीरे चरण दबास्या,प्रेम भाव की बात करा,
मतना कर गुमान सांवरा,एक बार आजा महारे घरा
बिन्नू बोले श्याम तेरा म्हे नित गुण गावैगा
आजा आजा रे......