श्याम धणी तेरे दर्शन पाकर,
होते भक्त निहाल है,
चारो दिशा में ओ मेरे बाबा,
तेरी बड़ी मिसाल है,
तेरी बड़ी मिसाल है।।
तेरे दर्शन की प्यास जगी तो,
दर्शन करने आया हूँ,
दो आंसू और फूल साथ में,
अर्जी लेकर आया हूँ,
आज तेरे से करने खातिर,
मन में बहुत सवाल है,
चारो दिशा में ओ मेरे बाबा,
तेरी बड़ी मिसाल है,
तेरी बड़ी मिसाल है।।
कभी कभी भक्तो के घर भी,
दर्शन देने आया करो,
भक्त की आशा टूट ना जाए,
हाल पूछने आया करो,
इतनी परीक्षा ठीक नहीं है,
भक्त तेरे बेहाल है,
चारो दिशा में ओ मेरे बाबा,
तेरी बड़ी मिसाल है,
तेरी बड़ी मिसाल है।।
कुछ ना घटेगा तेरा श्याम,
एक बार आकर देखिये,
पलके बिछाए बैठा ‘संजय’,
दर्शन अब तो दीजिये,
तेरे हाथों में ही मोहन,
अब तो मेरी लाज है,
चारो दिशा में ओ मेरे बाबा,
तेरी बड़ी मिसाल है,
तेरी बड़ी मिसाल है,
श्याम धणी तेरे दर्शन पाकर,
होते भक्त निहाल है,
चारो दिशा में ओ मेरे बाबा,
तेरी बड़ी मिसाल है,
तेरी बड़ी मिसाल है।।