( हाथ जोड़ विनती करूँ सुनियो चित्त लगाए,
दास आगयो शरण मे प्रभु राखों म्हारी लाज। )
जावरा नगरी श्याम धणी को मंदिर बण्यो जोर को,
श्याम धणी तो बांधे राखे भक्ता की डोर को,
जयकारो गूंजे रे खाटू वाडा श्याम को॥
एक ओर है जगनाथ तो दूजा बाबा श्याम जी,
दूर दूर से प्रेमी आवे, होवे सगड़ा काम जी,
जयकारो गूंजे रे खाटू वाडा श्याम को॥
श्याम धणी का दर्शन करवा पैदल प्रेमी आवे जी,
झूमे नाचे भगत घनेरा dj जोर बजावे जी,
जयकारो गूंजे रे खाटू वाडा श्याम को॥
केसरिया बागा में बाबो, मंद मंद मुस्कावे जी,
भगता के ऊपर यो बाबा, मोरछड़ी घुमावे जी,
जयकारो गूंजे रे खाटू वाडा श्याम को॥
श्याम धणी री महिमा यो तुषार ठाकुर गावे जी,
गोपाल प्रेमी सुर मिलावे सबरे मनडे भावे जी,
जयकारो गूंजे रे खाटू वाडा श्याम को॥