मैं अब छोड़ कर सारे दुनिया के धन्धे,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं,
बिना ज्ञान के हो गये कर्म काले,
मै करने को शुद्धिकरण आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
तेरा अशं हुं मैं तुम्ही से हुं बिछङा,
पुःन करने एकीकरण आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
मै हूं पाप का पुन्ज तुम से चोरासी,
मैं पापो का करने दहन आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
गगन चूमते ऊंचे पर्वत तुम्हारे,
मैं चढ़ कर चढा़ईया कठिन आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
तेरे नाम की सारी दुनिया में चर्चा,
तेरा नाम करने स्मरण सा आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
तुम्हारा चरणजल ह्रदयतम को हरता,
मैं करने मधुर आचमन आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
कई जन्म पाए कई योनियों से,
खत्म करने आवागमन आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
बङा है घमण्डी रहा सर ये ऊँचा,
मैं करने को सर को नमन आ गया हुं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
अब छोङ दी प्रीत प्रीतम ने जग से,
मैं तुझसे लगाने लगाने आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....
मैं अब छोड़ कर सारे दुनिया के धन्धे,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं,
बिना ज्ञान के हो गये कर्म काले,
मै करने को शुद्धिकरण आ गया हूं,
तुम्हारी भवानी शरण आ गया हूं.....