शिव तो सन्यासी है गौरा कैसे निभाओगी

शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥

भोले जी के माथे पर चंदा सोना लगता है,
चंदन का तिलक गौरा तुम कैसे लगाओगी,
शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥

भोले की जटाओं में गंगा सोनी लगती है,
काली काली जुल्फे गौरा तुम कैसी सजाओगी,
शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥

भोले जी के गले में नागों की माला है,
फूलों की माला गौरा तुम कैसे पहनाओगी,
शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥

भोले जी के हाथों में डमरू सोना लगता है,
ढोल मजीरा गौरा तुम कैसे बजवाओगी,
शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥

तन बाघअंबर है अंग भवूति है,
पीला पितांबर गौरा तुम कैसे पहनाओगी,
शिव तो सन्यासी हैं गौरा तुम पछताओगी,
अपनी जीवन नैया कैसे पार लगाओगी॥
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