प्रभु जी दया करो । मन मे आन बसो ॥ तुम बिना, लागे सूना । खाली घट मे प्रेम भरो ॥ तंत्र मन्त्र पूजा नहीं जानू । मै तो केवल तुम को ही मानू ॥ सारे जग मे ढूंढा तुम को । अब तो आकर बाह धरो ॥