लखा तारे तू मैनू क्यूं ना तारेया
दस श्याम मै तेरा की बिगाड़ेया।।
जदों मेरी तकदीर बनाई सी,
तेरी कलम च मुक गई स्याही सी,
मेरी बारी तू क्यों मुखड़ा छुपा लया,
दस श्याम मैं........
तेरे तों छुपिया ना मेरियां हकिकता,
हुन्न हल कर मेरिया मुसीबता,
श्याम तैनू मै अपना बना लया,
दस श्याम मैं........
श्याम मेरि यां मुसीबता नो हल कर,
तेरी मर्जी है अज भावे कल कर,
तेरे वृंदावन उते डेरा मै लगा लया,
दस श्याम मैं........