ग्यारस का व्रत मैं करती,
हरी नाम की माला जपती......
मैंने पहली माला फेरी,
सासुल ने आकर घेरी,
कभी करती ना सेवा मेरी,
हरी नाम की माला जपती......
मैंने दूजी माला फेरी,
बेटे ने आकर घेरी,
कुछ काम धाम नहीं करती,
हरी नाम की माला जपती......
मैंने तीजि माला फेरी,
बहुअल ने आकर घेरी,
ना मेरे लाल खिलाती,
हरी नाम की माला जपती......
मैंने चौथी माला फेरी,
बेटी ने आकर घेरी,
कुछ देन लेन नहीं करती,
हरी नाम की माला जपती......
मैंने पांचवी माला फेरी,
साजन ने आकर घेरी,
कभी पास ना हमरे बैठती,
हरी नाम की माला जपती......