मेरे श्याम तेरी जब से किरपा हुई,
है कमल की तरह ज़िंदगी खिल गई ,
सँवारे की नजर काम कर ही गई,
है कमल की ज़िंदगी खिल गई ,
इक छोटी सी दुनिया मेरी सँवारे,
तेरे भजनो में रहते है वो वनवारे,
उनपे किरपा सदा अपनी रखना युही,
तेरे चरणों में अब ज़िंदगी जुड़ गई,
मेरे श्याम तेरी जब से किरपा हुई,
है कमल की ज़िंदगी खिल गई ,
ये हसी मेरे श्याम तेरी दें है,
तूने सब कुछ दिया ये तेरा कर्म है,
तेरे उपकार कैसे चुकाऊ गी मैं,
दुभि नैया को पतवार है मिल गई,.
मेरे श्याम तेरी जब से किरपा हुई,
है कमल की ज़िंदगी खिल गई,
मेरा सपना संवारा सवारे किया,
तूने अपना बनाया तेरा शुकरियाँ,
तेरी राहो में रही को एह सँवारे आती जाती नई ज़िंदगी मिल गई,
मेरे श्याम तेरी जब से किरपा हुई,
है कमल की ज़िंदगी खिल गई ,