श्याम का मैं फैन हूं नाम है सुदामा रे,
बचपन का यार मैं हूं श्याम का दिवाना रे....
दिन है लाचार है तन का नही ठिकाना रे,
लगता नही तु श्याम का दिवाना रे,
बचपन की यारी मेरी भूल नहीं जाना रे.......
सिर पे नही पगड़ी रे तन पे नही जमा है,
दीन है गरीबी है नाम है सुदामा रे,
श्याम का मैं फैन.......
झट पट दौड़े श्याम मिलने सुदामा रे,
लिपट लिपट रोए यार ये सुदामा रे,
बचपन की यारी मेरी.......
सेठों का तू सेठ है द्वारीकारा सेठ है,
बचपन की यारी मेरी भूल नहीं जाना रे,
बचपन की यारी मेरी.......
यारो का तू यार है दिनों का तू नाथ है,
यार इस सुदामा को भूल नहीं जाना रे,
बचपन की यारी मेरी भूल नहीं जाना रे.......