जब दिन गर्दिश के थे, ना कोई पूछने वाला था,
उस वक्त मुझे बाबा, तूने ही संभाला था.....
दाने दाने के लिए, मैं गुहार लगाता था,
कोई साथ तो दो मेरा, मैं पुकारा लगाता था,
भूखे ही सोते थे ना पास निवाला वाला था,
उस वक्त मुझे बाबा, तूने ही संभाला था.....
मैं भूला नहीं कुछ भी, सब कुछ है याद मुझे,
अपनों ने छोड़ा था करके बर्बाद मुझे,
मेरी लाज को जब जग ने सरे आम उछाला था,
उस वक्त मुझे बाबा, तूने ही संभाला था.....
मेरी मजबूरी का सब लाभ उठाते थे,
मुझे अपने इशारों पे ये खूब नचाते थे,
सपने ने मुझसे अपना बस काम निकाला था,
उस वक्त मुझे बाबा, तूने ही संभाला था.....
जिन्हें सोचता था मैं खराहा वह असल में खोटे थे,
झूठी हमदर्दी के चेहरे पर मुखोटे थे,
हर आपने ने माधव मुश्किल में डाला था,
उस वक्त मुझे बाबा, तूने ही संभाला था.....