था अजनभी मैंth भी कभी बाबा तेरे नाम से,
कैसे कहु क्या न मिला जबसे जुड़ा श्याम से,
जीता हु मैं शान से,
सँवारे के नाम से होती है तेरी रेहमतो की बारिशे,
जाने जग सारा तू है मुझे प्यारा बढ़ कर मेरी जान से,
था अजनभी मैं मैं भी कभी बाबा तेरे नाम से,
प्यार इतना पा लिया तेरे इस परिवार से,
जितना मिला ना मुझको अपनों से,
अब तो हर जगह तू जीने की वजह तू,
कहता हु मैं गुमान से,
था अजनभी मैं मैं भी कभी बाबा तेरे नाम से,
तू मेरा जाने जिगर तू मेरा है हमसफर,
तेरे सहारे जी रहा हु मैं,
कर ना तू थकारी बस थोड़ी सी चाकरी ,
करवाते रहना श्याम से,
था अजनभी मैं मैं भी कभी बाबा तेरे नाम से,