मीरा देख तेरी भक्ति को कान्हा हुआ दीवाना है.....
गली गली में मीरा डोले,
उसने लोक लाज सब छोड़ी तुमको अपना माना है,
मीरा देख तेरी भक्ति को कान्हा हुआ दीवाना है.....
संतो बीच बजावे इकतारा,
मोहन बजा रहे बांसुरिया संग में नाच नचाता है,
मीरा देख तेरी भक्ति को कान्हा हुआ दीवाना है.....
जहर के प्याले राणा जी ने भेजें,
मीरा पी गई अमृत जान दरस प्याले में दिखाया है,
मीरा देख तेरी भक्ति को कान्हा हुआ दीवाना है.....
नाग पिटारी राणा जी ने भेजी,
मीरा पहने माला जान मोहन ने हार बनाया है,
मीरा देख तेरी भक्ति को कान्हा हुआ दीवाना है.....