मैं आया तेरे दरबार मेरे मुरली वाले,
मुझे दर्शन दो एक बार मेरे मुरली वाले॥
आपकी हर मुस्कान मोहन सबके मन को भाती है,
चाहे मैं भटकू इस दुनिया में याद तेरी याद आती है,
अब नावँ करो मेरी पार मेरे खाटू वाले,
मैं आया तेरे दरबार मेरे मुरली वाले॥
काम-धाम मैंने छोड़ दिए कान्हा द्वार पे तेरे आने को,
छप्पन भोग लिए शाम मैंने तुम को भोग लगाने को,
मेरा भोग करो स्वीकार मेरे खाटू वाले,
मैं आया तेरे दरबार मेरे मुरली वाले॥
करके प्रभु जी दर्शन तेरा श्याम मैं तेरा गुलाम हुआ,
ऐसी कृपा करी रोहित पर जीवन मालामाल हुआ,
मैं आता रहूं हर साल मेरे खाटू वाले,
मैं आया तेरे दरबार मेरे मुरली वाले……..