दे बंदगी दे बंदगी

दे बंदगी दे बंदगी  ,
तुझे पाने का, सरल सबसे उपाय ,
जिससे तू मिल जाए, बने जिंदगी ,
दे बंदगी दे बंदगी

रंग भजन का तबहै, मन पे चढ़ता
सत्संग में जब कोई आगे बढ़ता
दे बंदगी दे बंदगी

बिन संतो के सत्संग भी नहीं मिलता,
आनंद हरि कृपा से संतहै मिलता
दे बंदगी, - दे बंदगी..
तुझे पाने का, सरल सबसे उपाय
जिससे तू मिल जाए, बने जिंदगी  
दे बंदगी, - दे बंदगी..

धुन्न : (तर्ज़)
ओ हंसिनी,ओ हंसिनी..

भजन रचना ::
*श्रद्धेय बलराम जी उदासी,
एकादशी वाले, बिलासपुर छ. ग.
98271-11399..
70004-92179..

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