जय जय सिया राम की,
जय बोलो हनुमान की,
जय जय सिया राम की,
जय बोलो हनुमान की,
ना पार समुंदर मिलती प्रभु को जानकी,
ना लखन लाल को मिलती संजीवनी प्राण की,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी....
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन।
सब सुख लैह तुम्हारी शरणा,
तुलसीदास ये कहते है,
संग हो जिसके संकट मोचन,
कष्ट उसे कब रहते है,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हो भक्ति की शक्ति दिखलाई,
सागर सेतू बंदवाया,
राम प्रभु के काज सांवरे,
धर्म युद भी जितवाया,
ना जलती लंका रावण के अभिमान की,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी.....
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन।
मंगलकर्ता हे दुःख हर्ता,
तुम शंकर के अवतारी,
इसलिए तुम राम को प्यारे,
राम की भक्ति तुम्हे प्यारी,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
मित्र सुग्रीव का राम प्रभु से,
मिलन तुम्ही ने करवाया,
वानर राज को राज दिलाया,
प्रभु का काज भी बनवाया,
ना वानर सेना बनती प्रभु श्री राम की,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी....
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन।
जय जय सिया राम की,
जय बोलो हनुमान की,
श्रद्धा से जो अर्पण कर दे,
लिख कर तुमको राम का नाम,
फिर क्या कहना पल भर में ही,
बन जाते है उसके काम,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हो, राम काज करने को आतुर,
मुख पे तुम्हारे जय श्री राम,
सिया राम के जय करे संग,
मुख पे हमारे जय हनुमान,
नहीं होती है तुम बिन पूरी कथा श्री राम की,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी,
तुम ना होते तो क्या होता हनुमान जी....
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन,
हे मारुती नंदन शत शत तुम्हे वंदन।