भोले नाथ का मैं बंजारा,
छोड़ दिया मैंने जग सारा,
पता बता दो नीलकंठ का,
पता बता दो नीलकंठ का,
मैं जाऊ शिव धाम,
के मुझे कही नहीं जाना,
शिव का मैं हु सवाली.....
भटक रहा हूँ जंगल जंगल,
छोड़ दिया है मैंने अनजल,
जब तक भोले नहीं मिलेगे,
करू नहीं आराम,
के मुझे कही नहीं जाना,
शिव का मैं हूँ सवाली....
शिव सेवक हूँ मैं मतवाला,
बाबा मेरा देव निराला,
ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,
ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,
सुबह से हो गई शाम,
के मुझे कही नहीं जाना,
शिव का मैं हूँ सवाली.....
यो भी मिला है मुझे हाथ से,
काम करूँगा दोनों हाथ से,
पैरो की उपकार में उसका,
पैरो की उपकार में उसका,
मानूँगा आठो याम,
के मुझे कही नहीं जाना,
शिव का मैं हूँ सवाली....