मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी, कब आओगे बांके बिहारी,
कब आओगे बांके बिहारी, कब आओगे रमण बिहारी,
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी.....
मैंने जय श्री श्याम लिखा है, तेरे चरणों में प्रणाम लिखा है,
मैंने चिठिया पे चिट्ठियां डारी, कब आओगे बांके बिहारी,
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी......
मैंने चिट्ठियां में यह लिख डाला घर आओ मेरे नंद के लाला,
तेरे भक्तों ने बाट निहारी, कब आओगे बांके बिहारी,
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी......
हम चिट्ठियां और ना लिखेंगे टेलीफोन या मेल करेंगे,
हम डायरेक्ट बात करेंगे, कब आओगे बांके बिहारी,
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी.....
हम भक्तों को भूल नहीं जाना दुनिया मारेगी हमें ताना,
हंसी होगी जग में हमारी, कब आओगे बांके बिहारी,
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी......