पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
किसने तो मैया तेरा भवन बनायो,
किसने चवर ढुरायो देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
पांचो पांडव मैया भवन बनायो,
अर्जुन चवर ढुरायो देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
के गज गहरी मैया नीम रे खुदाई,
तो के गज को यामे गारों देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
नौ गज गहरी मैया नीम रे खुदाई,
तो दस गज को यामे गारो देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
नंगे नंगे पैरों मैया अकबर आयो,
सोने का छत्र चढ़ायो देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
नंगे नंगे पैरों मैया ध्यानू आयो,
अपनों शीश चढ़ायो देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....
सुमीर मैया तेरो यश गायो,
तो अटल छत्र जयकारों देवी मैया को,
पर्वत पर बजे नगाड़ों देवी मैया को....