आज रात मने सपना आया, तेरी होये रहीजय जयकार,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार.....
ना चाहिए तेरी कोठी बंगला ना चाहिए तेरी कार,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार....
ना चाहिए तेरी इडली रे ढोसा ना चाहिए पकवान,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार....
ना चाहिए मोहे संग की सहेली ना चाहिए रिश्तेदार,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार.....
ना चाहिए तेरी रेशमी साड़ी ना चाहिए सोलह श्रृंगार,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार.....
ना चाहिए तेरे सेर सपाटे मोहे दर्श करा एक बार,
बलम मोहे ले चल रे मैया के दरबार......