आ गिया दरबार संगता आ गिया,
चरणी माँ दे शीश निभा के,
गल विच माँ दिया चुनिया पाके,
महारानी ध्यान टिका के गुण मैया दे गा गिया,
आ गिया दरबार......................
जग मग जग मग मंदिर करदा,
नूर इलाही माँ दा वर दा,
जय जेकर जेकरे लाके संगता कष्ट मिटा गिया,
आ गिया दरबार संगता आ गिया.
शरदा दे नाल जगन रचाया,
चाह सबनु तुन सवाया,
हथि करके सेवा संगता अपना कर्म कमा गिया,
आ गिया दरबार संगता आ गिया,
मीत मियां दिया भेटा गावे,
अम्बे माँ तो सद के जावे,
शरदा दे नाल गाइया भेटा सब दे मन नु भा गिया
आ गिया दरबार संगता आ गिया