बाबा तेरे खाटू में यहाँ प्रेमी के तू भाग खोलता,
पता पता श्याम बोलता
हारो बेसहरो को तू खाटू में भुलाता है,
खाली हाथ आये पर खाली न लुटाता है,
भाव तराजू तोलता,
पता पता श्याम बोलता
माटी तेरे धाम की जो माथे से लगता है,
उस का तो घर परिवार तू चलता है,
मस्ती में तू रहे ढोलता ,
पता पता श्याम बोलता
मुझ जैसे भिखारी को भी गले से लगाया है,
कहा से उठा के मुझे कहा पोहंचाया है,
मेरे संग तू चलता,
पता पता श्याम बोलता