बिछड़े कभी ना हम, मेरे श्याम तुमसे,
जी ना सकूंगा मैं, सुन लो कसम से,
जब भी मैं भटका, तू बना सहाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई,
तूने दया जो श्याम बरसाई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई......
कैसे मैं भूलूँ कोई साथ नहीं था,
थामे जो ऐसा मुझे हाथ नहीं था,
आखिर में तूने मेरी,
आखिर में तूने मेरी,
पकड़ी कलाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई....
अनजान राहो में भटक रहा था,
अँधेरों में दिल ये मेरा धड़क रहा था,
आखिर में तूने मुझे,
आखिर में तूने मुझे,
राह दिखाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई……
समझ लिया क्यों आँसू मेरे बहते हैं,
हारे का साथी तुझे क्यूँ कहते हैं,
हारे हुए को तूने,
हारे हुए को तूनें,
जीत दिलाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई…
इस बेसहारे का सहारा बना तू,
श्याम कहे भक्तो का किनारा बना तू,
डूबी हुई नैया को,
डूबी हुई नैयाँ को,
पार लगाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई…..
जब भी मैं भटका,
तू बना सहाई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
मेरी आँख भर आई,
बीते पलों की याद जो आई,
मेरी आंख भर आई,
आँख भर आई……