मांगना हो तो मानगो इस दरबार से श्याम सरकार से,
दुनिया में दानी कोई दूसरा नहीं है,
जो शीश दान दे दे वो हमको क्या नहीं दे सकता,
इस के रहते प्यारे फ़िक्र किस बात की तू करता,
निकालेगा तेरी नैया बीच मझधार से,
दुनिया में दानी कोई दूसरा नहीं है,
तीनो लोक के स्वामी ने दिया है इसको ये वरदान,
कलयुग में होगी पूजा नाम तेरा होगा बाबा श्याम,
साथी बनेगा उसका आएगा जो हार के,
दुनिया में दानी कोई दूसरा नहीं है,
कहता है श्याम यही न भटको दुनिया में दर दर,
कोई झोली नहीं ऐसा जो भरती ना हो श्याम के दर,
पिगलता है श्याम मेरा अंसियो की धार से,
दुनिया में दानी कोई दूसरा नहीं है,