मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ ॥
बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों मे ।
बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों मे ।
क्यूँ ना देखूँ मैं बारम्बार माँ की आँखों मे ।
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार आँखों मे ।
नृत्य करो झूम झूम, छम छमा छम झूम झूम,
झांकी निहारो रे ॥
सदा होती है जय जय कार माँ के मंदिर मे ।
नित्त झांझर की होवे झंकार माँ के मंदिर मे ।
सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मंदिर मे ।
वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर मे ।
दीप धरो धूप करो, प्रेम सहित भक्ति करो,
जीवन सुधारो रे ॥