झीरमीर झिरमिर आँख्या से आंसुड़ा बरसे
श्याम धनि सु मिलबा ताई मनडो तरसे
झीरमीर झिरमिर आँख्या से..........
जल बिन मछली तड़पे बाबा, था बिन थारो दास,
चाँद चकोरी जया महाने,श्याम मिलान की आश
झीरमीर झिरमिर आँख्या से..........
थारो म्हारो हेत हुयो कोई,पूर्व जनम का लेख
आँख्या में बस जाओ महारे,ज्यू काजल की रेख
झीरमीर झिरमिर आँख्या से.........
याद तेरी आता ही बाबा, देखु चारु और
बनवारी में ऐया नाचू, ज्यू जंगल में मोर
झीरमीर झिरमिर आँख्या से......