आन पड़ा हूं ठोकर में मां,
दुनिया का ठुकराया हूं,
नहीं और कहीं मां,
ठोर ठिकाना,
तेरे चरणों में आया हूं,
अपना ले मां चरणों में तेरे,
दाखिल अर्जी करदी,
बहुत सताया हूं दुनिया ने,
है दुनिया बड़ी बेदर्दी,
दर्द के मारो का कहां,
और ठिकाना,
इस आस में आया हूं,
आन पड़ा हूं ठोकर में मां,
दुनिया का ठुकराया हूं,
दुनिया है पैसे वालों की,
पैसे की होती जय जय कार,
सुना है खाली हाथ भी,
जो चरणों में आए,
उसे करती है तू स्वीकार,
आंखों में भर आंसू,
हृदय में श्रद्धा लाया हूं,
नहीं और कहीं मां,
ठोर ठिकाना,
तेरे चरणों में आया हूं,
आन पड़ा हूं ठोकर में मां,
दुनिया का ठुकराया हूं.....