गोवर्धन अधर उठाए लिए री कान्हा ने.....
जो द्रुपद सत् की ना होती,
भरी सभा में खड़ी ना होती,
हद कर दी चीर बढ़ाने में हद कर दी,
गोवर्धन आधार उठा लिए.....
जो मीरा सत की ना होती,
प्याले पर खड़ी ना होती,
हद कर दी अमृत पिलाने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए.....
जो अहिल्या सत की ना होती,
पत्थर में पड़ी ना होती,
हद कर दी यार बनाने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए.....
जो कर्मा सत् की ना होती,
मंदिर में खड़ी ना होती,
हद कर दी खिचड़ी के खाने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए.....
जो नरसी सत के ना होते,
पतली पर खड़ी ना होते,
हद कर दी भात भरा ने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए.....
जो मोरध्वज सत् के ना होते,
आरे पर खड़े ना होते,
हद कर दी लाल बचाने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए.....
जो तारा सतकी ना होती,
कुए पर खड़ी ना होती,
हद कर दी घड़ा उठाने में हद कर दी,
गोवर्धन अधर उठा लिए....