मैं तो अभिलाषी श्याम तेरे दर्शन की,
दर्शन की दर्शन की तेरे दर्शन की,
रात दीनना तेरी याद सताए,
श्याम मिलन को मन तरसाए,
करू दूर उदासी रे आज मैं तन मन की,
मैं तो अभिलाषी श्याम .....
मोपे क्या जादू कर दीना,
तुम बिन मुस्किल हो गया जीना,
ना बात जरा सी रे जड़ी लगी अशुवन की,
मैं तो अभिलाषी श्याम ...........
दिल में बस गई शवि तुम्हरी
मैं तो जोगन बनी तुम्हारी,
घट घट के वासी रे नहीं भूखी धन की,
मैं तो अभिलाषी श्याम .........
भीम सेन गए खता चमेली,
श्याम श्याम रटो शाम सवेरे,
मैं तो हु दासी रे श्याम तेरे चरणन की,
मैं तो अभिलाषी श्याम .....