धुन- काली तेरी गुत्त ते परांदा तेरा लाल नी
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
बड़े ही प्यारे, लगते हैं खाटूश्याम जी l
इसी लिए करते हैं, तुझे प्रणाम जी ll
मन की, मुरादें पा के, जाएंगे,
"ओ बाबा श्याम, तेरे झंडे लहराएँगे" xll
शरण में आ के, दुःखियारे तर जाते हैं l
हारे के सहारे, सारे दुःख हर जाते हैं ll
श्याम, तेरी महिमा, गाएँगे,
"ओ बाबा श्याम, तेरे झंडे लहराएँगे" xll
तेरी दरबार में, सवाली बन आते हैं l
कर के दीदार तेरा, झोली भर जाते हैं ll
वारी वारी, खाटू तेरे, जाएंगे,
"ओ बाबा श्याम, तेरे झंडे लहराएँगे" xll
राज तेरी महिमा का, दीवाना ऐसा हो गया l
रिया की दुआ का, प्रणाम ऐसा हो गया ll
श्याम तेरे, गुणगान, गाएँगे,
"ओ बाबा श्याम, तेरे झंडे लहराएँगे" xll
बड़े ही प्यारे, लगते हैं खाटूश्याम जी l
इसी लिए करते हैं, तुझे प्रणाम जी ll
मन की, मुरादें पा के, जाएंगे,
"ओ बाबा श्याम, तेरे झंडे लहराएँगे" xll
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल