भोग भंग का लगा के,
तन पे भस्म रमा के,
करते नन्दी की सवारी देखो भोले भंडारी,
जो भी देखे ये नजारा वो ही जाए बलिहारी,
पुरे ग्यारालख बराती अपने संग ले के,
भोले बाबा चले है बारात लाइ के....
ब्रह्मा भरमाणी संग आये विष्णु लक्ष्मी को संग लाये,
सीता राम को आते देखा राधे श्याम भी रुक न पाये,
आये शरद सुरो की बरसात लेके,
भोले बाबा चले है बारात लाइ के
होके मस्त मगन अलबेले निकले शिव शम्भू के चेले,
हाथो में है भीन किसी के कोई सांपो के संग खेले,
कोई भंग सिलवटा चला साथ लेके,
भोले बाबा चले है बारात लाइ के