तर्ज - तेरी मिट्टी में मिल जावां
( मुझे खुशियो का संसार मिला,
मेरी जिंदगी में जब से तू आया है,
उजड़े हुये चमन में तू ही बाबोसा,
फिर से बहार लाया है ।। )
ये तार मेरे तेरे दर से जुड़े, मुझे खुशियो का संसार मिला,
ओ बाबोसा यू ही चलता रहे, जन्मों जनम ये सिलसिला,
हो हुनमत के आज्ञाकारी, तेरी जग में अमिट कहानी है,
मंजू बाईसा में समाये हो तुम, ये दुनिया तेरी दीवानी है,
तेरी भक्ति में खो जाँऊ,
में तेरा ही हो जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू,
तेरे चरणों की रज पाँउ,
तेरे रंग में ही रंग जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू....
जय हो .... तेरी जय हो .... जय हो...
जहाँ भक्तो की तकदीर है बनती, बाबोसा का द्वारा है,
एक नही लाखो भक्तो की, बिगड़ी को इसने संवारा है,
इन हाथों की लकीरो में, बाबा तुम्हारा नाम है,
तेरे नाम से ही मेरी सुबह तेरे नाम से ही मेरी शाम है,
तेरे चरणों की रज पाँउ,
तेरे रंग में ही रंग जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू
तेरी भक्ति में खो जाँऊ,
में तेरा ही हो जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू,....
जय हो .... तेरी जय हो .... जय हो...
जीवन के इस दर्पण में बाबा, तेरी छवि को निहारा करू,
मेरे रोम रोम हर सांस सास पर तेरा नाम पुकारा करूँ,
"दिलबर"ओ दिलदार मेरे, मेने तन मन तुझपे वार दिया,
छोड़ जगत के रिश्ते कमल, बस तुझपे ही एतबार किया,
तेरे नेनो में बस जाँऊ,
बंद पलको में हो जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू,
तेरी भक्ति में खो जाँऊ,
में तेरा ही हो जाँऊ,
इतनी सी है दिल की आरजू.....