आया सावन रंग रंगीला बन बन नाचे मोर
कदम की डाल पे झुला झूले राधा नन्द किशोर,
हो गिरधर गोपाला झूमे चाहू और,
कान्हा के हाथो में मुरली माथे मुकट सुहाए
राधा रानी चुनरी ओहदे मंद मंद मुस्काये,
ग्वाल बाल सब ख़ुशी मनाये मचा मचा के शोर,
हो गिरधर गोपाला झूमे चाहू और,
छम छम बदरा बरस रहे है छाई मस्त घटाए,
मोर चकोर भी नाचे ख़ुशी में कोयल भी गीत गाये,
राधा रानी झूम के नाचे नाचे माखान चोर
हो गिरधर गोपाला झूमे चाहू और,
चंदा जैसा मुखड़ा उसका नैन बड़े नशीले,
पिताम्भर है सजे कम्रियाँ वस्त्र है पीले नीले
केवल दिल में जादू कर गया ऐसा वो चित चोर,
हो गिरधर गोपाला झूमे चाहू और,