शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा,
महाकाल की नगरी मे पाउ जनम दोबारा….
इस नगरी के कंकर पत्थर हम बन जाए,
भक्त हमारे उपर चढकर मंदिर जाए,
भक्तजनो के पाव पड़े तो हो उद्धार हमारा,
बाबा भोलानाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा…….
जब भी ये तन त्यागु त्यागु क्षिप्रा तट पर,
इतना करना स्वामी ओर मरु मर्घत पर,
मेरी भसमी चड़े आप पर पाउ प्यार तुम्हारा,
शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा………
जय भोला भंडारी जय गौरा त्रिपुरारी,
रखियो लाज हमारी सब जग के हितकारी,
मन की इक्च्चा पूरण हो तो होवे वारा न्यारा,
बाबा भोलानाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा…….