तेरा मखन किवे चुरावे श्याम मेरा निक्का जेहा,
उसदा छिक्के उत्ते हाथ वी ना जावे, श्याम मेरा निक्का जेहा.....
तु केहंदी घर मेरे आंदा,
मेरी मटकी दा मखन चुरान्दा,
उसनु रिडन दा वल वी ना आवे, श्याम मेरा निक्का जेहा.....
तेरे आगे मटकी पड़ी है,
दूध मखना दे नाल भरी है,
उहता ज़रा ना जरना उठावे, श्याम मेरा निक्का जेहा.....
तुसी सोला बरस दिया बाला,
छे वरा दा मेरा नंदलाला,
ऐवे गिरधर दोष लगावे, श्याम मेरा निक्का जेहा.....