श्री भानु भरत के प्यारे, ब्रिज मडल के उज्यारे,
तोपे जाऊ मैं बलिहार,मैं तेरो नचाओ नाचू,
मेरे रमन बिहारी लाल मैं तेरे नचाये नाचू ,
तेरी मोहनी मुरलियाँ भाजे,
मेरी पायल छम छम नाचे,
दिल गाते है सुर ताल मैं तेरे नचाये नाचू....
जब नैन से नैन मिलावे तन मन की सुध विस्रावे,
हो जाऊ हाल बेहाल मैं तेरे नचाये नाचू,
नाचे बन मधुर मकुण्डा गिरधर गोपाल गोविंदा,
यशोदा के नन्द के लाल मैं तेरे नचाये नाचू