श्याम तेरा ये एहसान है मेरी जग में जो पहचान है,
इस तन में जो सांसे वसी तेरे चरणों का ही दान है,
श्याम तेरा ये एहसान है मेरी जग में जो पहचान है,
जनम जब से लिया रूप देखा तेरा देखते देखते मैं हुआ हु बड़ा.
नहीं होता कही मेरा नामो निशान मेरे सिर पे नहीं होता हाथ तेरा,
तेरे उपकार से सँवारे मेरे होठो पे मुश्कान है,
इस तन में जो सांसे वसी तेरे चरणों का ही दाम है,
श्याम तेरा ये एहसान है....
जब तलक मैं जियु सांस इस तन से लू,
बस यही हो दुआ ध्यान तेरा करू,
ऐसा वर्धन दो मेरा कल्याण हो उम्र जब तक रहे तेरी सेवा करू,
मेरी कुछ भी नहीं ज़िंदगी सारी तुझपे ही कुर्बान है,
इस तन में जो सांसे वसी तेरे चरणों का ही दाम है,
श्याम तेरा ये एहसान है....
मैं तो हु इक दुआ जिसका नामो निशा बिन तेरे सँवारे इस यहां में कहा,
मेरी ऊँगली पकड़ ले चलो तुम कही पीछे पीछे चलूगा कहो गे यहाँ,
शर्मा का कुछ नहीं है वयुद तेरे हाथो में ही जान है,
इस तन में जो सांसे वसी तेरे चरणों का ही दाम है,
श्याम तेरा ये एहसान है....