जन्मे है कृष्ण कन्हैया बाजे है बधाइयां नंद जी के अंगना में,
विष्णु रूप धर आए वो कृष्ण कन्हैया नंद जी के अंगना में....
भादो मास रात अंधीयारी,
रोहिणी नक्षत्र अष्टमी आई,
दिन हैं मंगलकारी, आए हैं अवतारी नंद जी के अंगना में....
श्यामल सुंदर रूप सलोना,
नंद भवन में आया है खिलौना,
खुशी हुई महतारी शोर अति भारी नंद जी के अंगना में....
नर नारी सब मंगल गावे,
नंद बाबा जी मोहरे लुटावे,
लूटा रहे हैं गैया बजत है बधाइयां नंद जी के अंगना में....
अपने लाल को पलना झूलामें,
कभी गोदी कभी लोरी सुनामें,
झूलत कृष्ण कन्हैया झूला रही मैया नंद जी के अंगना में....