जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं।
ता दिन तेरे तनु तरवर के सबै पात झरि जैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
या देही को गरब न करिये स्यार काग गिध खैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
तीन नाम तन विष्ठा कृमि ह्वै नातर खाक उडैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
कहं वह नीर कहं वह सोभा कहं रंग रूप दिखैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
जिन लोगन सों नेह करतु है तेई देखि घिनैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
घर के कहत सबारे काढो भूत होय घर खैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
जिन पुत्रनहिं बहुत प्रीति पारेउ देवी देव मनैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
तेइ लै बांस दयौ खोपरी में सीस फाटि बिखरैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
जहूं मूढ करो सतसंगति संतन में कछु पैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
नर वपु धारि नाहिं जन हरि को यम की मार सुखैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...
सूरदास भगवंत भजन बिनु, बृथा सु जन्म गंवैहैं,
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...