औरों के हित जो जीता है

 औरों के हित जो जीता है , औरों के हित जो मरता है
 उसका हर आंसू रामायण , प्रत्येक कर्म ही गीता है
  औरों ....

  1. जो तृषित किसी को देख सहज ही होता है आकुल व्याकुल
       जिसकी सांसो में पर पीड़ा भरती है अपना ताप अतुल
       वह है शंकर जो औरों की वेदना निरंतर पीता है
       उसका .... औरों के

    1.  जो सहज समर्पित जनहित में , होता है स्वार्थ त्याग करके
           जिसके पग चलते रहते हैं , दुख दर्द मिटाने घर - घर के
            वह है दधीचि जिसका जीवन, जग हित तप करके बीता है
            उसका .... औरों के ......

    2. जिसका चरित्र गंगा जल सा है स्वच्छ बिमल पावन उज्ज्वल
          जिसके उर से सद्भावों की,धारा बहती कल-कल छल छल
          वह है लक्ष्मण जिसने पर नारी, को समझा मां सीता है
          उसका .... औरों के

         4. जिसका जीवन संघर्ष बनी , औरों की गहन समस्या है
             तम में प्रकाश फैलाना ही, जिसकी आराध्य तपस्या है
             जो प्यास बुझाता जन जन की , वह पनघट कभी न रीता है
             उसका .... औरों के ...... !

        5. जिसने जग के मंगल को ही ,अपना जीवन व्रत मान लिया
            परिव्याप्त विश्व के कण कण में , भगवान तत्व को जान लिया
            उस आत्मा का सौभाग्य अटल , वह ही प्रभु की परिणीता है
            उसका . औरों ....

          Singer - हरेकृष्ण हरि
                     7678118308
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