माता कौशल्या के जाये,
बालक सूंदर रूप सुहाए,
भूमि भार हरण को आये,
मिलकर सखिया गावे गीत,
घर घर आठो याम जी,
राजा दशरथ के महलो में,
जन्म लियो श्री राम जी।।
विश्वामित्र संग ले आये,
उनका पूरन यज्ञ कराया,
शंकर धनुष मरोड़ गिराया,
हरा सब राजो का मान,
जनक सुता सुख धाम जी,
राजा दशरथ के महलो में,
जन्म लियो श्री राम जी।।
दशरथ वचन मान रघुराई,
वन को गए संग ले भाई,
रावण सीता गई चुराई,
हनुमत जाकर जला दी लंका,
कीन्हो पुरण काम जी,
राजा दशरथ के महलो में,
जन्म लियो श्री राम जी।।
बीच समुद्र पुल बनवाई,
लंका जाकर करि लड़ाई,
राक्षस सेना मार गिराई,
देकर राज विभीषण को,
किया अवधपूरी विश्राम,
राजा दशरथ के महलो में,
जन्म लियो श्री राम जी.........