जय मैया ,जय मैया ,
जय मैया ,जय मैया ,
माँ पूर्णा के दर पर जब भी आया कोई सवाली।
विनती उसकी पल में सुनती कभी नहीं है टाली॥ ,
है माँ पूर्णा वाली ,जय हो
है माँ शेरोवाली ,जय हो
है माँ मेहरो वाली , जय हो॥
जो है मैया का प्यारा ,दर पर चले ,
पाने माँ का सहारा ,दर पर चले ,
जो है अपने का मारा ,दर पर चले ,
सारे जग से जो हारा ,दर पर चले ,
उससे माँ गले लगाए ,प्यार से पास बैठाये ,जय हो
लगे ना धूप गमो की ,तले आँचल के साये ,
सुख की बगिया को महकाने ,बन जाते है माली ॥
रात्रि कर दे उजाली ,पूर्णा वाली
काले दुःख को भी मारी ,पूर्णा वाली
खोले सुख की पिटारी ,पूर्णा वाली
सारे भक्तो की प्यारी ,पूर्णा वाली
तेरे जो दर पर आये ,जय हो
मुरादे मन की पाए ,जय हो
महिमा गाता जाए ,सबको यही बताये
सतविंदर इस दर की बाते ,सचमुच बड़ी निराली
विनती उसकी पल में सुनती कभी है टाली
ये माँ पूर्णा वाली ,ये माँ शेरोवाली ,ये माँ मेहरो वाली ॥