ना चाहे मन्ने धन और दौलत,
ना लालच सै कोठी का,
मन्ने तो चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का,
चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का॥
सुबह खाऊँ तो रात की चिंता,
बाबा मेरे होरी सै,
बण बैठ्यो दातार तू बाबा,
या कैसी दातारी सै,
रूखी सूखी रोटी मिल ज्या,
शौक ना चूरमा बाटी का,
मन्ने तो चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का,
चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का॥
मतलब की है रिश्तेदारी,
या तो रीत पुरानी सै,
बिन मतलब ना पूछे कोई,
तेरे से ना छानी सै,
तू सै मेरा अन्न दाता,
क्यों माच्या टोटा रोटी का,
मन्ने तो चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का,
चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का॥
इकबर आकर देख ले बाबा,
कैसी हालत होगी सै,
सुरेश राजस्थानी की किस्मत,
क्यों बाबा सोगी सै,
इब तो आकर भाग्य जगा दे,
मेरी किस्मत खोटी का,
मन्ने तो चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का,
चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का॥
ना चाहे मन्ने धन और दौलत,
ना लालच सै कोठी का,
मन्ने तो चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का,
चिंता लागी सै,
मेरी बाबा रोजी रोटी का........