मात पिता गुरु चरणों में प्रणवत बारम्बार,
हम पर किया बड़ा उपकार,हम पर किया बड़ा उपकार,
माता ने जो कस्ट उठाया,वह ऋण कभी ना जाय चुकाया,
अंगुली पकड़कर चलना सिखाया,ममता की दी सीतल छाया,
जिनकी गोद में पलकर हम,कहलाते हुसियार,
हम पर किया बड़ा उपकार,
पिता ने हमको योग्य बनाया,कमा कमाकर अन्न खिलाया
पढ़ा लिखा गुणवान बनाया,जीवन पथ पर चलना सिखाया
जोड़ जोड़ अपनी सम्पति का,बना दिया हरक़दर
हम पर किया बड़ा उपकार,
तत्व ज्ञान गुरु ने दर्शाया,अंधकार सब दूर भगाया
ह्रदय में भक्ति दिप जलाकर,हरी दर्शन का मार्ग बताया
बिन स्वार्थ ही कृपा करे,कितने बड़े हे उदार
हम पर किया बड़ा उपकार,
प्रभु कृपा से नर तन पाया,संत मिलन का साज सजाया
बल बुद्धि और विद्या,देकर सब जीवो में श्रेष्ठ बनाया
जो भी इनकी सरन में आता, कर देते उद्धार
हम पर किया बड़ा उपकार,